ASI Radheshyam Bhabar Ujjain News

सीएम मोहन यादव की वीआईपी ड्यूटी के कुछ घंटे बाद एएसआई का हार्ट अटैक से निधन

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Written by Vijay More

October 11, 2025

उज्जैन शहर से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। देवास गेट थाने में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक (ASI) राधेश्याम भाबर का शुक्रवार देर रात अचानक निधन हो गया।
जानकारी के अनुसार, एएसआई भाबर देर रात मुख्यमंत्री मोहन यादव की वीआईपी ड्यूटी पूरी कर घर लौटे थे। घर पहुंचने के कुछ घंटे बाद ही, रात करीब 3 बजे, उन्हें सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई।

उनके परिजनों ने तुरंत उन्हें माधव क्लब रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन इलाज के दौरान ही उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉक्टरों के अनुसार, मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है।

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कौन थे एएसआई राधेश्याम भाबर?

राधेश्याम भाबर मूल रूप से ग्राम टेमरिया, पेटलावद (जिला झाबुआ) के रहने वाले थे।
वर्ष 2007 में उन्होंने पुलिस विभाग में आरक्षक के रूप में अपनी सेवा शुरू की थी।
अपनी लगन, ईमानदारी और मेहनत के दम पर वे धीरे-धीरे सहायक उप निरीक्षक (ASI) के पद तक पहुंचे थे।

वर्तमान में वे देवास गेट थाने में पदस्थ थे और अपने सहयोगियों के बीच मिलनसार और जिम्मेदार अधिकारी के रूप में जाने जाते थे।

ड्यूटी से लौटने के बाद हुआ सीने में दर्द

शुक्रवार को उज्जैन में मुख्यमंत्री मोहन यादव के आगमन के दौरान राधेश्याम भाबर की वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी लगाई गई थी।
ड्यूटी खत्म कर देर रात घर लौटने के बाद, जब सब सोने की तैयारी में थे, तभी अचानक उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की।
उनके पुत्र अजय (24) और प्रेम (20) ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके।

पुलिस विभाग में शोक की लहर

एएसआई भाबर के निधन की खबर जैसे ही पुलिस विभाग तक पहुंची, पूरे उज्जैन पुलिस बल में शोक की लहर दौड़ गई।
उनके साथी अधिकारियों ने उन्हें एक ईमानदार, जिम्मेदार और हमेशा मदद को तैयार अधिकारी बताया।

कई अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर भी उनकी याद में पोस्ट लिखते हुए कहा —
“राधेश्याम भाबर एक समर्पित पुलिसकर्मी थे, जिन्होंने आखिरी वक्त तक अपनी ड्यूटी को प्राथमिकता दी।”

परिवार में मातम का माहौल

मृतक एएसआई अपने पीछे पत्नी और दो बेटों — अजय और प्रेम को छोड़ गए हैं।
परिवार के लिए यह अचानक हुआ हादसा बेहद दर्दनाक है।
स्थानीय प्रशासन की ओर से भी परिवार को शोक संवेदना व्यक्त की गई है।

आखिरी ड्यूटी तक जिम्मेदारी निभाई

राधेश्याम भाबर की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि पुलिसकर्मी सिर्फ अपनी ड्यूटी नहीं निभाते,
बल्कि समाज और राज्य की सुरक्षा के लिए दिन-रात समर्पित रहते हैं, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों।

उनका निधन न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे पुलिस विभाग के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

निष्कर्ष

राधेश्याम भाबर जैसे समर्पित पुलिस अधिकारी समाज के लिए प्रेरणा हैं।
उनकी ड्यूटी भावना और सादगी हमेशा याद की जाएगी।
Moreji News परिवार उनकी आत्मा की शांति और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति देने की प्रार्थना करता है।

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