OpenAI CEO Sam Altman launches ChatGPT Atlas AI Browser to challenge Google Chrome

$150 अरब की गिरावट! ChatGPT Atlas लॉन्च होते ही Google की मार्केट वैल्यू में भारी नुकसान

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Written by Jay More

October 22, 2025

टेक दुनिया में हलचल मचा देने वाली बड़ी खबर आई है — ChatGPT-maker OpenAI ने अपना पहला AI-पावर्ड वेब ब्राउज़र “ChatGPT Atlas” लॉन्च कर दिया है। इस लॉन्च के कुछ ही घंटों में Google की पैरेंट कंपनी Alphabet की मार्केट वैल्यू से करीब 150 अरब डॉलर (₹12 लाख करोड़ से ज्यादा) का नुकसान हो गया।

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CEO सैम ऑल्टमैन ने इस नए ब्राउज़र को लॉन्च करते हुए कहा,

“यह हर दशक में आने वाला एक दुर्लभ मौका है — जब हम सोच सकते हैं कि एक ब्राउज़र असल में क्या हो सकता है।”

ChatGPT Atlas क्या है?

ChatGPT Atlas एक ऐसा वेब ब्राउज़र है जो पारंपरिक तरीके से बिल्कुल अलग काम करता है।
इसमें न तो कोई एड्रेस बार है, न सर्च बॉक्स। बल्कि यहां हर चीज़ ChatGPT AI से जुड़ी हुई है।

यूज़र्स सीधे अपने सवाल टाइप कर सकते हैं, और ब्राउज़र खुद उन्हें रियल टाइम में जवाब, जानकारी या टास्क पूरा कर के देता है।
मतलब अब टैब बदलने, लिंक खोलने या कॉपी-पेस्ट करने की झंझट खत्म।

AI का नया जादू — Agent Mode

ChatGPT Atlas की सबसे बड़ी खासियत है इसका Agent Mode
ये फीचर पेड यूज़र्स (ChatGPT Plus और Pro) के लिए है। इसमें AI यूज़र के कीबोर्ड और कर्सर को खुद कंट्रोल करता है और ज़रूरी काम पूरे करता है, जैसे:

  • फ्लाइट या होटल बुक करना
  • प्रोडक्ट रिसर्च करना
  • डॉक्युमेंट एडिट करना
  • या वेबसाइट्स पर डाटा निकालना

यूज़र चाहे स्क्रीन देखे या कुछ और करे — AI उनका काम अपने आप पूरा कर देता है।

OpenAI का बड़ा दांव

OpenAI अब सिर्फ चैटबॉट कंपनी नहीं रही — वो अब एक AI Ecosystem बना रही है।
Atlas के ज़रिए कंपनी ने Etsy, Shopify, Expedia और Booking.com जैसी बड़ी वेबसाइट्स से पार्टनरशिप की है, ताकि लोग ब्राउज़र के अंदर ही शॉपिंग या बुकिंग कर सकें।

डेटा फर्म DemandSage के मुताबिक, ChatGPT के अब 800 मिलियन (80 करोड़) से ज़्यादा साप्ताहिक सक्रिय यूज़र हैं, जो फरवरी में सिर्फ 400 मिलियन थे।
इसका मतलब है कि OpenAI के पास पहले से ही एक ऐसा यूज़र बेस है जो Chrome के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

Google की मुश्किलें बढ़ीं

Atlas के लॉन्च के बाद Alphabet के शेयर 4.8% तक गिर गए और दिन के अंत में 2.4% नीचे बंद हुए।
कारण साफ है — अगर यूज़र्स सीधे Atlas में अपने जवाब पा लेते हैं, तो Google Search की ज़रूरत कम हो जाएगी।
इससे Google के Search Ads Revenue Model को सबसे बड़ा झटका लग सकता है।

फिलहाल, Google ने भी Gemini AI को Chrome में गहराई से जोड़ दिया है, लेकिन OpenAI ने जो कदम उठाया है, वह Chrome के एकाधिकार के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है।

कानूनी और प्रतिस्पर्धा की स्थिति

पिछले साल ही अमेरिका की अदालत ने Google को ऑनलाइन सर्च में ‘गैर-कानूनी एकाधिकार’ (illegal monopolist) करार दिया था।
हालांकि Chrome को अलग करने का आदेश नहीं दिया गया, पर अब ChatGPT Atlas जैसे नए खिलाड़ी के आने से Google पर दबाव और बढ़ गया है।

LLM Search का बढ़ता चलन

रिसर्च फर्म Datos की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई तक लगभग 5.99% डेस्कटॉप सर्चेस अब LLMs (Large Language Models) जैसे ChatGPT के ज़रिए हो रही हैं — जो पिछले साल के मुकाबले दोगुना आंकड़ा है।
यानी यूज़र्स अब धीरे-धीरे AI से सीधे जवाब लेने की आदत डाल रहे हैं, ना कि Google से लिंक क्लिक करने की।

विशेषज्ञों की राय

Pat Moorhead, CEO of Moor Insights & Strategy के अनुसार:

“शुरुआती यूज़र्स Atlas जरूर ट्राई करेंगे, लेकिन मुख्यधारा और कॉर्पोरेट यूज़र्स तब तक इंतज़ार करेंगे जब तक उनके पसंदीदा ब्राउज़र (जैसे Chrome या Edge) में ये फीचर्स नहीं आ जाते।”

उन्होंने ये भी कहा कि Microsoft Edge पहले से कई ऐसे फीचर्स ऑफर कर रहा है, लेकिन OpenAI का इंटिग्रेशन ज़्यादा गहरा और स्मार्ट है।

निष्कर्ष

OpenAI का ChatGPT Atlas सिर्फ एक नया ब्राउज़र नहीं, बल्कि वेब सर्फिंग का अगला युग है —
जहां यूज़र खुद कुछ टाइप नहीं करेंगे, बल्कि AI उनकी जगह काम करेगा।

Google के लिए ये लॉन्च एक रेड अलर्ट की तरह है, क्योंकि अब ब्राउज़र की दुनिया में पहली बार कोई ऐसा खिलाड़ी आया है जो “सर्च” के मायने ही बदल सकता है।

अगर Atlas सफल रहा, तो आने वाले सालों में “Google करना” की जगह “Atlas से पूछो” नया ट्रेंड बन सकता है

source

यह रिपोर्ट OpenAI के आधिकारिक ऐलान और कई विश्वसनीय स्रोतों (AP, Datos, DemandSage, Reuters) पर आधारित है।

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