(Moreji News):
दिवाली के अगले दिन मनाया जाने वाला Govardhan Puja 2025 का पर्व आज पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के उस दिव्य स्वरूप को समर्पित है जब उन्होंने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुल वासियों की रक्षा की थी।
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इस पर्व को अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 प्रकार के भोग (छप्पन भोग) अर्पित किए जाते हैं।
Govardhan Puja 2025 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष गोवर्धन पूजा का शुभ समय दोपहर 3 बजकर 29 मिनट से शाम 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
इसके बाद शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 10 मिनट तक आखिरी मुहूर्त रहेगा, जिसमें श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की विधि-विधान से पूजा कर सकते हैं।
गोवर्धन पूजा विधि
गोवर्धन पूजा के दिन घर में सात्विक भोजन बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाया जाता है। इस दिन प्याज और लहसुन का प्रयोग नहीं किया जाता।
गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिकृति बनाकर उसकी पूजा की जाती है और पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और फल-मिठाइयों से अर्पण किया जाता है।
गायों को सजाया जाता है, उनकी आरती की जाती है और उन्हें फल-मिठाई खिलाई जाती है। घर में एक ही रसोई से भोजन तैयार होता है, जिसे सभी मिलकर ग्रहण करते हैं। ऐसा करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है।
गोवर्धन पूजा की कथा
धार्मिक मान्यता के अनुसार, एक समय इंद्र देव का अभिमान बढ़ गया था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुल वासियों को इंद्र पूजा छोड़कर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा। इससे इंद्र क्रोधित हुए और गोकुल पर भारी वर्षा कर दी।
तब श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर सभी की रक्षा की। इसके बाद भगवान ने कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन स्वयं अन्नकूट भोग चढ़ाकर गोवर्धन पूजा का आरंभ किया। तभी से यह पर्व हर वर्ष मनाया जाता है।
अन्नकूट का महत्व
अन्नकूट का अर्थ होता है — अन्न का पहाड़। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को तरह-तरह के व्यंजन और मिठाइयों का भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि इससे घर में अन्न और धन की कभी कमी नहीं होती और भगवान की कृपा बनी रहती है।
इस साल खास क्यों है Govardhan Puja 2025
इस बार दिवाली की अमावस्या तिथि दो दिन होने की वजह से Govardhan Puja 2025 का पर्व बुधवार, 22 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।
देशभर के मंदिरों में विशेष अन्नकूट दर्शन, गोवर्धन पर्वत की पूजा और सामूहिक भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।
निष्कर्ष
Govardhan Puja 2025 न सिर्फ श्रीकृष्ण भक्ति का प्रतीक है बल्कि प्रकृति और अन्न के प्रति कृतज्ञता का पर्व भी है।
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के “गोवर्धनधारी” स्वरूप की पूजा करके हर व्यक्ति अपने जीवन में स्थिरता, शांति और समृद्धि की कामना करता है।
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