PM Narendra Modi और CJI BR Gavai – सुप्रीम कोर्ट घटना पर प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया

PM मोदी ने सुप्रीम कोर्ट की घटना पर जताई नाराज़गी, कहा – हर भारतीय आहत है

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Written by Vijay More

October 6, 2025

नई दिल्ली: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा। सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता द्वारा अनुशासनहीन व्यवहार किए जाने की खबर सामने आई, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई से बात की और इस घटना की कड़ी निंदा की।

PM मोदी ने कही ये बात

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा —

“मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई जी से बात की। सुप्रीम कोर्ट में आज हुई घटना ने हर भारतीय को आहत किया है। हमारे समाज में ऐसे कृत्यों के लिए कोई स्थान नहीं है। यह अत्यंत निंदनीय है।”

उन्होंने आगे कहा कि न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखना हर नागरिक का दायित्व है और CJI गवई द्वारा दिखाई गई शांति और संयम काबिले तारीफ है।

“उन्होंने जिस धैर्य के साथ स्थिति को संभाला, वह न्याय और संविधान की भावना को मजबूत करता है।” — PM मोदी

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ था?

जानकारी के मुताबिक, सोमवार सुबह एक वकील ने अदालत की कार्यवाही के दौरान अनुशासनहीनता दिखाई।
घटना के वक्त CJI बी.आर. गवई एक मामले की सुनवाई कर रहे थे, जो भगवान विष्णु की मूर्ति से जुड़े विवाद से संबंधित था।
CJI ने मामले को सुनने से इनकार करते हुए कहा कि यह विवाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकार क्षेत्र में आता है।

इस पर कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणी को गलत ढंग से पेश किया। हालांकि, बाद में CJI गवई ने स्पष्ट किया कि वह सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते हैं।

CJI गवई का शांत जवाब

घटना के दौरान CJI गवई पूरी तरह शांत रहे। उन्होंने अदालत में कहा —

“ऐसी बातों से हमारा ध्यान नहीं भटकता। हमें इन चीज़ों से फर्क नहीं पड़ता।”

उनके इस जवाब ने न केवल अदालत का माहौल संभाला बल्कि न्यायपालिका की गरिमा को भी बनाए रखा।

बार काउंसिल की कार्रवाई

घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने तत्काल प्रभाव से संबंधित अधिवक्ता की वकालत करने की अनुमति निलंबित कर दी है।
काउंसिल ने कहा कि न्यायपालिका के प्रति इस तरह के असंयमित आचरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना को “संविधान पर हमला” बताया, वहीं कांग्रेस पार्टी ने इसे “नफरत की संस्कृति” का नतीजा कहा।
हालांकि, ज्यादातर नेताओं ने CJI गवई के शांत स्वभाव और न्यायपालिका के प्रति उनके सम्मान की सराहना की।

Conclusion

सुप्रीम कोर्ट जैसी संवैधानिक संस्था में हुई यह घटना वाकई दुर्भाग्यपूर्ण रही, लेकिन CJI बी.आर. गवई ने जिस संयम के साथ स्थिति को संभाला, उसने न्यायपालिका की गरिमा और जनता के विश्वास को और मजबूत किया।
देशभर से मिल रही प्रतिक्रियाएं यह बताती हैं कि भारत का समाज न्याय और संविधान की मर्यादाओं को गहराई से मानता है।