नई दिल्ली: अक्टूबर महीने की सबसे खास और पवित्र रातों में से एक शरद पूर्णिमा का इंतज़ार हर साल लोगों को बेसब्री से रहता है। यह वह रात होती है जब माना जाता है कि चांद अपनी सबसे ज्यादा रोशनी और अमृत बरसाता है। 2025 में यह शुभ दिन 6 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा।
शरद पूर्णिमा 2025 की तारीख और समय
पर्व | दिनांक | वार | पूर्णिमा तिथि आरंभ | पूर्णिमा तिथि समाप्त |
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शरद पूर्णिमा 2025 | 6 अक्टूबर 2025 | सोमवार | 6 अक्टूबर, सुबह 4:56 बजे | 7 अक्टूबर, सुबह 2:20 बजे |
शरद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, शरद पूर्णिमा आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और जो व्यक्ति जागरण कर उनकी पूजा करता है, उस पर धन-समृद्धि की कृपा होती है।
इसी कारण इसे कोजागरी पूर्णिमा (Kojagiri Purnima) भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है — “कौन जाग रहा है?” यानी जो इस रात जागता है, देवी लक्ष्मी उसकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
शरद पूर्णिमा की रात का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक पहलू
कहा जाता है कि इस रात चांद की किरणों में औषधीय गुण होते हैं। लोग खीर बनाकर उसे खुले आसमान के नीचे रखते हैं ताकि चांदनी की अमृत बूंदें उसमें समा जाएं। सुबह वह खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण की जाती है।
विज्ञान के अनुसार, यह रात साल की सबसे शीतल और उज्ज्वल पूर्णिमा रात होती है, जिससे वातावरण में ठंडक और सकारात्मक ऊर्जा फैलती है।
शरद पूर्णिमा पर क्या करें
- रात को मां लक्ष्मी की पूजा करें और दीप जलाएं।
- घर की साफ-सफाई करके लक्ष्मी प्रवेश के लिए शुभ वातावरण बनाएं।
- खीर बनाकर चांदनी में रखें और सुबह प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
- इस रात जागरण करें और लक्ष्मी मंत्र का जाप करें।
निष्कर्ष
2025 में शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी। यह दिन धन, सौभाग्य और सुख-समृद्धि लाने वाला माना जाता है। इस रात को सिर्फ पूजा ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और स्वास्थ्य दृष्टि से भी बेहद खास माना गया है। इसलिए इस बार की शरद पूर्णिमा को पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से जरूर मनाएं।